उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पंचायत में आरक्षण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये समाजवादी सरकार में उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों व पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली में किए गए दसवें संशोधन की दो धाराओं को हटा दिया गया है। अब पुनर्गठित मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर सहित सभी 75 जिलों में एक समान आरक्षण फार्मूले पर अमल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बाई सर्कुलेशन बैठक में इसके साथ ही 11 अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण को बदल दिया है। आज ही योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने पंचायत चुनाव के लिए होने वाले आरक्षण को भी तय कर दिया है। इसमें कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के माध्यम से संशोधन किया गया है। प्रदेश में गांव की सरकार बनाने के लिए हाई कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव की तैयारी है। इसके लिए 17 मार्च से पहले आरक्षण की सूची आनी थी। इस सूची के आने से पहले सरकार ने आज आरक्षण के प्रस्ताव में संशोधन किया। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने प्रस्ताव रखा था, अब कई जिलों में पंचायत सीटें प्रभावित होंगी।