संदीप कुमार
गौरीबाजार/देवरिया
देश में कोरोना के चलते अचानक लगें लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों पर सबसे ज्यादा भारी नुकसान पड़ा था। उन्हें जब यह पता चला की फैक्ट्रियों के काम धंधे बन्द हो गए तो वे अपने रोजी-रोटी के जुगाड़ में घर को निकल पड़े।यह सोचकर पता नही कब तक लॉक डाउन खुलेगा। कितने दिनों के तक बंद रहेगा है। इसी कारण सभी घर लौटने लगे।

इन्ही मजदूरों के बीच में एक ऐसा मजदूर था जो मुंबई से ट्रक पर चढ़कर गोरखपुर के लिए अपने घर निकल पड़ा परन्तु एक माह गुजर गए वह घर तक नही पहुँच सका।
बतादे की प्रभुनाथ की पत्नी पूनम गुप्ता व भाई कन्हैया गुप्ता के अनुसार देवरिया जनपद के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बागापार गाँव के निवासी प्रभुनाथ गुप्ता मुंबई में एक फैक्ट्री में काम करते थे । लॉकडॉन के कारण वह 7 मई को मुम्बई से एक ट्रक पर बैठकर घर के लिए निकल पड़े। जब वह भोपाल पहुँचे तो उन्होंने ने रास्ते मे से अपने घर पर फोन किया व कहा कि मैं भोपाल आ गया हूं जल्द घर आ जाऊंगा। उसके एक दिन बाद परिवार के द्वारा मोबाइल पर फोन करने पर उनका फोन ट्रक ड्राइबर ने उठाया व कहा कि उनका सामान ट्रक में छूट गया है।

ट्रक ड्राइबर ने बताया कि मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश बार्डर पर पुलिस ने सबको उतार दिए। उसके बाद प्रभुनाथ के परिवार वाले राह देखने मे लग गए परन्तु महीनों अब बीतने वाली है कोई समाचार नही मिला। इस अवस्था मे परिवार के लोग काफी परेशान है।प्रभुनाथ की एक 5 साल की बच्ची तथा 1 साल का एक लड़का है। परिवार वालों ने जिले के बड़े अधिकारियों व आईजी सहित प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाए है। परन्तु प्रशासन के द्वारा कोई छानबीन नही 0हो सकी ।
