देवरिया टाइम्स
जनपद में पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में संम्पन्न हुए चुनाव के दौरान निर्वाचन विभाग की लापरवाही के चलते जिला पंचायत की एक उप विजेता महिला प्रत्याशी मतगणना के बाद सातवे स्थान पर पहुँच गई। जिसको लेकर उक्त प्रत्याशी काफी सदमे में है। चुनाव चिन्ह आवंटन में उसे प्रमाणित रूप से कैची मिला था जबकि मतगणना के समय उसकी गणना क्रेन चुनाव चिन्ह पर हुई।उपरोक्त मामले में महिला ने जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी मुख्यमंत्री यूपी को शिकायती पत्र के माध्यम से भेजी है। और दुबारा चुनाव कराने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक जिला पंचायत वार्ड संख्या 47 बनकटा मध्य के कुल 11 महिला प्रत्याशी चुनाव में थे। यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित था। चुनावी जंग में आकांक्षा पांडेय पत्नी रत्नेश पांडेय,कुसुम देवी पत्नी रत्नेश कुशवाहा,जमीला पत्नी इस्माइल, पारुल कुशवाहा पत्नी दीपक कुशवाहा, रीता पत्नी लल्लन, विभा पत्नी हीरालाल, संध्या पत्नी धनजंय ,सावित्री पत्नी रविप्रकाश, सुमन पत्नी विक्रमादित्य, सुमन पत्नी प्रमोद व सोनी पत्नी विजय प्रताप ने अपनी भाग्य आजमाई थी।

नामंकन के बाद चुनाव चिन्ह आवंटन के दौरान सावित्री सिंह पत्नी रविप्रकाश सिंह को भाजपा के समर्थन में वर्णमाला के वरीयता क्रम में मत क्रमांक संख्या 7 पर कैची चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया। सावित्री सिंह द्वारा जनता के बीच जाकर कैची चुनाव चिन्ह पर वोट मांगा गया। लेकिन मतदान के दिन भेजे गए प्रत्याशियों की सूची में सावित्री सिंह का नाम मतपत्र क्रमांक संख्या 8 पर चुनाव चिन्ह क्रेन दर्शाया गया है। इस मामले में अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में सावित्री सिंह ने निर्वाचन विभाग के कर्मचारियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस सीट पर पुनः मतदान कराने की मांग की है। सावित्री सिंह का कहना है कि निर्वाचन विभाग की गलती के चलते उनके समर्थित मतदाता भ्रम की स्थिति में आ गए औऱ दोनों चुनाव चिन्ह पर मतों का बंटवारा हो गया। कैची चुनाव चिन्ह को कुल 3708 मत वैध मिले जबकि क्रेन को 1137 मत मिले। उनका कहना है कि यदि ऐसी गड़बड़ी नही हुई होती तो वह चुनाव जीत सकती थी।मतदान के दिन पति की तबीयत खराब होने से वे बूथ तक नही पहुच सकी थी।