देवरिया टाइम्स। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज लोक निर्माण विभाग द्वारा मझौली-चनुकी-सोहगरा मार्ग पर कराये जा रहे चौड़ीकरण एवं मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मिली खामियों पर उन्होंने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सरकारी धन की बर्बादी क्षम्य नहीं है। शासन द्वारा निर्धारित मानकों का हर हाल में पालन होना चाहिए।

जिलाधिकारी आज पूर्वाहन लोक निर्माण विभाग के साढ़े 8 किलोमीटर लंबे मझौली-चनुकी-सोहगरा मार्ग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि परियोजना मार्च 2021 से प्रारंभ होकर दिसंबर 2021 तक पूर्ण होनी थी, किंतु अभी तक परियोजना पूर्ण नहीं हो सकी है। इस घोर लापरवाही पर ठेकेदार के विरुद्ध किसी भी तरह की सख्त कार्यवाही नहीं की गई है और न ही किसी तरह की पेनाल्टी लगाई गई है, जबकि कार्य पूर्ण होने की समय सीमा से छह माह अधिक हो चुका है। मार्ग पर परियोजना की जानकारी देने वाला किसी भी प्रकार का बोर्ड लगा नहीं पाया गया जो कि विभागीय मानकों के विपरीत है। इस पर पीडब्लूडी विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

डीएम ने वर्तमान में चल रहे मरम्मत एवं चौड़ीकरण कार्य से पूर्व हुए कार्यों का ब्यौरा भी विभागीय अधिकारियों से मांगा। उन्होंने कहा कि उनकी संज्ञान में आया है कि इस मार्ग का वर्ष 2016-17 में सामान्य मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य 83.58 लाख रुपये की लागत से किया गया है। इतनी कम अवधि में पुनः इसके मरम्मत की आवश्यकता पड़ना आश्चर्यजनक है।इस दौरान अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी कमल किशोर, सहायक अभियंता, अवर अभियंता देववीर यादव सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।