देवरिया टाइम्स। जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर ने बताया है कि समाज में व्याप्त कुरितियों के कारण कुछ लोगों द्वारा लड़के और लड़की का विवाह निर्धारित आयु क्रमशः 21 एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है । प्रायः इस प्रकार के विवाह अक्षय तृतीया के अवसर पर होते हैं, जबकि इस सम्बन्ध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत बाल विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा 100000.00 रुपये का अर्थदण्ड अथवा दोनों का प्राविधान है ।

निदेशक, महिला कल्याण, उ.प्र. लखनऊ द्वारा मिशन शक्ति फेज-4.0 की कार्ययोजना निर्गत की गयी है, जिसमें 01 मई से 07 मई तक आपरेशन मुक्ति चलाया जाना है, जिसमें 01 मई को *अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस* तथा 03 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह तथा बाल श्रम के विरुद्ध सप्ताह भर वृहद अभियान का संचालन किया जाना है, जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा जनपद के समस्त क्षेत्राधिकारी एवं थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है । इस वर्ष अक्षय तृतीया 03 मई को है ।

सभ्यजनों से उन्होंने अपेक्षा किया है कि समाज में व्याप्त इस कुरीति का विरोध करें, और ऐसा कहीं पर पाया जाता है, तो उसकी सूचना जिला परिवीक्षा कार्यालय, देवरिया/ जिला बाल संरक्षण इकाई, देवरिया/ बाल कल्याण समिति, देवरिया अथवा सम्बन्धित थाने को अवश्य रुप से दें ।